क्या और कितने तरह का होता है सेस? जिसके चलते GST पर आपको मिली इतनी बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर की रात में देशवासियों को दिवाली गिफ्ट दे दिया. जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में टैक्स स्लैब में बदलाव करने का ऐलान किया है. लगभग 11 घंटों के मंथन के बाद केंद्र सरकार ने 12 फीसदी और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया और सिर्फ 5 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब को बरकरार रखा है. साथ ही सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सेस यानी अतिरिक्त कर को समाप्त करने का निर्णय लिया. इससे तमाम महंगी चीजें पहले के मुकाबले सस्ती हो जाएंगी. सेस खत्म होने से सबसे ज्यादा फायदा ऑटो सेक्टर पर मिल सकता है. आइए इसके बारे में आपको डिटेल से बताते हैं.
सेस क्या होता है?
सेस एक प्रकार का टैक्स होता है. जो कि केंद्र सरकार की ओर गुड्स पर लगाया है. इसको खास मकसद से लगाया है और इस टैक्स से मिलने वाले रेवेन्यू को जरूरत पड़ने पर, आपात स्थिति में खर्च किया है. अमूमन जिस सेक्टर से सेस वसूला जाता है. उसी सेक्टर की बेहतरी के लिए इसे खर्च किया जाता है. सेस का पैसा केंद्र सरकार के पास रहता है. इसे राज्यों को नहीं दिया जाता है.
सरकार जीएसटी कंपनसेशन सेस के अलावा तंबाकू और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर नेशनल कैलामिटी कॉन्टिन्जेंसी सेस, भवन और अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर सेस, रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस, हेल्थ और एजुकेशन सेस, कच्चे तेल पर सेस, और एक्सपोर्ट पर सेस लगाती है और समय-समय पर सेस को हटाती भी रहती है. जब केंद्र को जरूरत होती है तब सेस लगाया जाता है और उसे लगता है कि इसे हटा लेना चाहिए तो वह सेस को हटाया भी जा सकता है.
ऑटो सेक्टर को होगा फायदा
केंद्र सरकार की ओर से सेस हटाए जाने का फायदा ऑटो सेक्टर को खूब मिलेगा. इससे सभी कारें सस्ती हो जाएंगी चाहे वह जिस रेंज की हों. सेस न लगने के बाद छोटी कारों से लेकर बड़ी कारों तक के दाम कम हो जाएंगे. उदाहरण के तौर पर अगर हम बात करें 4 मीटर तक लंबाई वाली कारें जिनका इंजन 1200cc (पेट्रोल) या 1500cc (डीजल) तक है. उन पर अभी 28 फीसदी का टैक्स और 3 फीसदी के सेस लगता है. यानी कुल टैक्स 31 फीसदी का लगता है. लेकिन, सरकार की ओर से स्लैब में बदलाव होने और सेस को वापस लेने के चलते इन कारों पर सिर्फ और सिर्फ 18 फीसदी का टैक्स लगेगा. इस कैटेगरी में Maruti Alto, Tata Punch, Hyundai Grand i10 जैसी गाड़ियां शामिल होंगी.
इसके अलावा लग्जरी गाड़ियों के दाम भी पहले के मुकाबले कम हो जाएंगे. क्योंकि उन पर भी सेस नहीं लगेगा. सरकार ने एसयूवी गाड़ियों में जिनकी इंजन क्षमता 1500cc से ज्यादा है. लंबाई 4 मीटर से ज्यादा है और ग्राउंड क्लीरेंस 170mm या उससे ज्यादा है उन पर 40 फीसदी का सिन टैक्स लगाने का फैसला किया है. अभी इन पर 28 फीसदी का टैक्स 17 फीसदी का सेस लगता है. माने कुल टैक्स 45 फीसदी का लगता है. लेकिन सरकार की ओर सेस हटाने के बाद कुल टैक्स की दर सिर्फ और सिर्फ 40 फीसदी रह जाएगी. इसका सीधा सा मतलब हुआ कि महंगी कारें भी 22 सितंबर के बाद 5 फीसदी सस्ती हो जाएंगी.
कौन लगाता है सेस?
केंद्र सरकार भारत में सेस लगा सकती है, लेकिन इसे लगाने से पहले, उसे संसद में एक कानून बनाकर पारित करना होगा. कानून में सेस का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए. बिना किसी स्पष्ट मकसद के इसे नहीं लगाया जाता है. सेस को राज्य सरकार की ओर से नहीं लगाया जा सकता है. जैसे कि ऊपर भी बताया है कि इससे वसूला गया पैसा भी राज्य सरकार के पास नहीं जाता है. केंद्र सरकार के पास ही रहता है और सरकार जरूरत के हिसाब से इसे खर्च करती है.
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