ना 5 ना 18 और ना ही 40 फीसदी, सोने के गहनों पर इतना लगेगा जीएसटी
किचन और आम लोगों की जिंदगी से जुड़े अहम सामानों पर जीएसटी को काफी कम कर दिया गया है. कुछ सामानों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया गया है तो कुछ सामान पर 5 फीसदी की जीएसटी के दायरे में रखा गया. लग्जरी, प्रीमियम और सिन प्रोडक्ट्स पर 40 फीसदी का स्पेशल टैक्स स्लैब है. लेकिन एक ऐसा भी सामान है, जो इन स्लैब के दायरे में नहीं आता. वो है गोल्ड. जीएसटी रिफॉर्म के बाद भी गोल्ड की वैल्यू पर अभी भी जीएसटी सिर्फ 3 फीसदी की है. ये इकलौता ऐसा आइटम है जिस पर 3 फीसदी जीएसटी लागू है.
जानकारों मानना है कि इंडस्ट्री को लग रहा था कि सोने के गहनों के मेकिंग चार्ज पर लगने वाला जीएसटी बढ़ जाएगा. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. जिसकी वजह से जीएसटी रिफॉर्म और नए स्लैब के ऐलान होने के बाद गोल्ड की कीमतें धराशाई हो गई. आइए आपको भी बताते हैं कि गोल्ड के और गहनों पर कितना जीएसटी लगता है और जीएसटी ऐलान के बाद किस तरह का असर देखने को मिल रहा है.
गोल्ड पर जीएसटी में कोर्द बदलाव नहीं
गोल्ड और उसके गहनों पर लगने वाले जीएसटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. गोल्ड की वैल्यू पर 3 फीसदी जीएसटी अभी कायम है. साथ ही मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी अभी कायम है. उम्मीद की जा रही थी कि मेकिंग चार्ज को या तो 28 फीसदी या फिर 40 फीसदी दायरे में रखा जाएगा. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. जिसकी वजह से देश के वायदा बाजार में गोल्ड की कीमतों में गिरावट भी देखने को मिल रही है. जानकारों की मानें तो गोल्ड की वैल्यू पर जीएसटी अलग से लगता है. क्योंकि ये प्रोडक्ट इंपोर्ट होता है. महंगा होने की वजह से इस पर जीएसटी कम रखा गया है. लेकिन सोने के गहनों की मेकिंग अपने देश में ही होती है. ऐसे उस मेकिंग पर जीएसटी अलग से लगाया जाता है. जोकि मौजूदा समय में 5 फीसदी है. इस पर कोई बदलाव नहीं किया गया है.
क्या लगाया जा रहा था अनुमान?
या वेल्ड रिसर्च के डायरेक्टर अनुज गुप्ता ने कहा कि इससे पहले जानकारों को अनुमान था कि गोल्ड की वैल्यू पर तो नहीं लेकिन मेकिंग चार्ज पर जीएसटी में जरूर इजाफा किया जाएगा. अनुमान था कि सोने के गहनों पर मेकिंग चार्ज को 5 से 18 फीसदी या फिर 40 फीसदी की स्पेशल कैटेगिरी में भी लाया जा सकता है. ये भी एक कारण था जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली में लगातार सोने की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा था. 8 कारोबारी दिनों में सोने की कीमतों में करीब 7,000 रुपए तक महंगा हो गया. सोमवार को भी दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में बड़ा इजाफा देखने को मिला था. वैसे सोने की कीमतों में तेजी के दूसरे भी अहम कारण थे.
गरुवार को टूटे सोने और चांदी के दाम
वैसे देश की राजधानी दिल्ली में सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली सर्राफा बाजार के आंकड़ों के अनुसार गोल्ड की कीमत में 1000 रुपए की गिरावट देखी गई है. जिसके बाद कीमतें लाइफ टाइम हाई से 1,06,070 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गईं. बुधवार को 99.9 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड 1,07,070 रुपए के साथ रिकॉर्ड लेवल पर था. वहीं 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना में भी गिरावट देखी गई और गुरुवार को यह 1,000 रुपए गिरकर 1,05,200 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गया. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, पिछले बाजार सत्र में यह 1,06,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
निवेशकों द्वारा ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली के कारण चांदी भी अपने रिकॉर्ड स्तर से फिसल गई. गुरुवार को यह सफेद धातु 500 रुपए गिरकर 1,25,600 रुपए प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई. पिछले सत्र में, यह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 1,26,100 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. विदेशी बाजार में, ऐतिहासिक ऊंचाई छूने के बाद हाजिर सोने की कीमतों में भी गिरावट आई. कीमती धातु 39.61 डॉलर या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,539.14 डॉलर प्रति औंस पर आ गई. बुधवार को, न्यूयॉर्क में यह 3,578.80 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई थी. हाजिर चांदी 0.70 फीसदी की गिरावट के साथ 40.93 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी.
क्या कह रहे हैं जानकार
जानकारों की मानें तो हालिया उछाल के बाद, मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमतों में 1 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट आई. हालांकि, निजी पेरोल और साप्ताहिक बेरोजगारी दावों सहित प्रमुख अमेरिकी मैक्रो इकोनॉमिक डाटा जारी होने से पहले, कीमतें लगभग 3,540 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई हैं. कोटक सिक्योरिटीज़ की एवीपी कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला ने कहा कि शुक्रवार को आने वाली अमेरिकी रोज़गार रिपोर्ट में लगातार चौथे महीने पेरोल वृद्धि में सुस्ती दिखाई देने की उम्मीद है. अगर आंकड़े अनुमान से कमजोर आते हैं, तो आने वाले महीनों में अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की संभावना बढ़ सकती है.
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